खबर प्रदेश• #क्या हैं पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला ?
घोटाले को समझने से पहले हम जानेंगे कि Letter of Undertaking (LOU) क्या होता हैं.?
मान लीजिये की आप एक भारतीय व्यापारी हैं, जो अमेरिका से माल खरीदना चाहता हैं । आप एक अमेरिकी पार्टी जॉन से संपर्क करते हैं, जॉन आपको माल का सैम्पल भेजता हैं और आपको माल पसंद आ जाता हैं। आप जॉन को ऑर्डर देते हैं पर जॉन को डर रहता हैं कि अगर माल भेजने के बाद पैसे नही आये तो ?
तो वो आपसे एडवांस में पैसे देने के लिए अनुरोध करता हैं ।
फिर आपको ये डर लगता हैं कि अगर एडवांस देने के बाद माल नही आया तो ??
इसलिये आप दोनों इसमें बैंक को बीच में लाते हैं । आपका भारतीय बैंक जॉन के अमेरिकी बैंक को ये आश्वाशन एक कागज में लिखित रूप में देता हैं कि अगर जॉन का माल भारत पहुँच जाता हैं तो माल का पेमेंट भारतीय बैंक कर देगा। इसी कागज को Letter of Undertaking कहते हैं। भारतीय बैंक ये कागज़ देने से पहले भारतीय व्यापारी से माल का पूरा पैसा एडवांस में ले लेता हैं। जैसे ही माल भारत आता हैं, अमेरिकी बैंक जॉन के बैंक को पेमेंट कर देता हैं। क्योंकि अमेरिकी बैंक के पास भारतीय बैंक की गारंटी है कि वह पूरा पैसा देगा।
• अब आते हैं घोटाले पर..
घोटाला बस इतना सा हैं जॉन का माल भारत पंहुचा, तो पंजाब नेशनल बैंक ने Letter of Undertaking जारी कर दिया, जो पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से अमरीकी बैंक को यह आश्वासन था कि अगर जॉन का माल भारत आता है और भारतीय व्यापारी फ्रॉड भी करता है तो हम इसकी जवाबदारी या गारंटी लेते है और जॉन के नुकसान की भरपाई हम करेंगे और जैसे ही जॉन का माल भारत पंहुचा तो, इस वजह से जॉन के अमेरीकी बैंक ने उसे वहां पैसा दे दिया, क्योंकि पंजाब नेशनल बैंक ने गारंटी ली हुई थी कि अमेरीकी बैंक आप अभी अपने पास से पैसा दे दो हम आप का पूरा पैसा लौटा देंगे, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक किसी भी भारतीय व्यापारी को यह Letter of Undertaking जारी करने से पहले पूरा पैसा अपने पास रखवा लेता है, तभी यह Letter of Undertaking जारी करता है, लेकिन इस घोटाले में भारतीय व्यापारी से बिना कोई पैसा रखवाए ही Letter of Undertaking जारी कर दिया गया। अब पंजाब नेशनल बैंक को अमेरीकी बैंक को वह पैसा देना है जो अमेरिकी बैंक ने जॉन को पंजाब नेशनल बैंक की जवाबदारी या गारंटी पर दे दिया, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक ने Letter of Undertaking जारी करने से पहले यह पैसा नहीं रखवाया, इसलिए यह उसे अपने जेब से देना होना, क्योंकि भारतीय व्यापारी तो भाग चुका है ।
अब पंजाब नेशनल बैंक यह पैसा कहा से देगा, या तो वह भारतीय व्यापारी को पकडे़ और उस से पैसा ले, या भारत सरकार पंजाब नेशनल बैंक को यह पैसा दे। भारत सरकार अगर पैसा दे भी देती है तो यह वह पैसा होगा तो भारत के ईमानदार आदमी से टैक्स के रूप में दिया है।देश का विकास हो लेकिन भारत सरकार को यह पैसा विकास की बजाय पंजाब नेशनल बैंक को देना होगा। जिस से देश का विकास की रफ़्तार प्रभावित होगी, लेकिन अगर भारत सरकार पैसा देने से इनकार करती है तो पंजाब नेशनल बैंक यह पैसा अपने पास से देगा। जिस की वजह से उसे अपनी सम्पति बेचनी पड़ेगी और वह डूब जायेगा, जिस की वजह से उसमें अकाउंट रखने वाले लोगो को पैसा डूब जायेगा। भारत सरकार ऐसा होने नहीं देगी वह खुद पैसा देगी, क्योंकि पंजाब नेशनल बैंक एक सरकारी बैंक है, जिसके लाखो कर्मचारी है, जिन्हे भारत सरकार बेरोजगार नहीं होने देगी और न ही आम लोगो का पैसा वह डूबने देंगे क्योंकि कर्मचारी और आम लोग दोनों ही उसे वोट देते है। फिर भी इस घोटाले की कीमत भारत के ईमानदार आदमी से टैक्स देने वाले को चुकानी होगी - इसे कहते है करे कोई भरे कोई...?
घोटाले को समझने से पहले हम जानेंगे कि Letter of Undertaking (LOU) क्या होता हैं.?
मान लीजिये की आप एक भारतीय व्यापारी हैं, जो अमेरिका से माल खरीदना चाहता हैं । आप एक अमेरिकी पार्टी जॉन से संपर्क करते हैं, जॉन आपको माल का सैम्पल भेजता हैं और आपको माल पसंद आ जाता हैं। आप जॉन को ऑर्डर देते हैं पर जॉन को डर रहता हैं कि अगर माल भेजने के बाद पैसे नही आये तो ?
तो वो आपसे एडवांस में पैसे देने के लिए अनुरोध करता हैं ।
फिर आपको ये डर लगता हैं कि अगर एडवांस देने के बाद माल नही आया तो ??
इसलिये आप दोनों इसमें बैंक को बीच में लाते हैं । आपका भारतीय बैंक जॉन के अमेरिकी बैंक को ये आश्वाशन एक कागज में लिखित रूप में देता हैं कि अगर जॉन का माल भारत पहुँच जाता हैं तो माल का पेमेंट भारतीय बैंक कर देगा। इसी कागज को Letter of Undertaking कहते हैं। भारतीय बैंक ये कागज़ देने से पहले भारतीय व्यापारी से माल का पूरा पैसा एडवांस में ले लेता हैं। जैसे ही माल भारत आता हैं, अमेरिकी बैंक जॉन के बैंक को पेमेंट कर देता हैं। क्योंकि अमेरिकी बैंक के पास भारतीय बैंक की गारंटी है कि वह पूरा पैसा देगा।
• अब आते हैं घोटाले पर..
घोटाला बस इतना सा हैं जॉन का माल भारत पंहुचा, तो पंजाब नेशनल बैंक ने Letter of Undertaking जारी कर दिया, जो पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से अमरीकी बैंक को यह आश्वासन था कि अगर जॉन का माल भारत आता है और भारतीय व्यापारी फ्रॉड भी करता है तो हम इसकी जवाबदारी या गारंटी लेते है और जॉन के नुकसान की भरपाई हम करेंगे और जैसे ही जॉन का माल भारत पंहुचा तो, इस वजह से जॉन के अमेरीकी बैंक ने उसे वहां पैसा दे दिया, क्योंकि पंजाब नेशनल बैंक ने गारंटी ली हुई थी कि अमेरीकी बैंक आप अभी अपने पास से पैसा दे दो हम आप का पूरा पैसा लौटा देंगे, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक किसी भी भारतीय व्यापारी को यह Letter of Undertaking जारी करने से पहले पूरा पैसा अपने पास रखवा लेता है, तभी यह Letter of Undertaking जारी करता है, लेकिन इस घोटाले में भारतीय व्यापारी से बिना कोई पैसा रखवाए ही Letter of Undertaking जारी कर दिया गया। अब पंजाब नेशनल बैंक को अमेरीकी बैंक को वह पैसा देना है जो अमेरिकी बैंक ने जॉन को पंजाब नेशनल बैंक की जवाबदारी या गारंटी पर दे दिया, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक ने Letter of Undertaking जारी करने से पहले यह पैसा नहीं रखवाया, इसलिए यह उसे अपने जेब से देना होना, क्योंकि भारतीय व्यापारी तो भाग चुका है ।
अब पंजाब नेशनल बैंक यह पैसा कहा से देगा, या तो वह भारतीय व्यापारी को पकडे़ और उस से पैसा ले, या भारत सरकार पंजाब नेशनल बैंक को यह पैसा दे। भारत सरकार अगर पैसा दे भी देती है तो यह वह पैसा होगा तो भारत के ईमानदार आदमी से टैक्स के रूप में दिया है।देश का विकास हो लेकिन भारत सरकार को यह पैसा विकास की बजाय पंजाब नेशनल बैंक को देना होगा। जिस से देश का विकास की रफ़्तार प्रभावित होगी, लेकिन अगर भारत सरकार पैसा देने से इनकार करती है तो पंजाब नेशनल बैंक यह पैसा अपने पास से देगा। जिस की वजह से उसे अपनी सम्पति बेचनी पड़ेगी और वह डूब जायेगा, जिस की वजह से उसमें अकाउंट रखने वाले लोगो को पैसा डूब जायेगा। भारत सरकार ऐसा होने नहीं देगी वह खुद पैसा देगी, क्योंकि पंजाब नेशनल बैंक एक सरकारी बैंक है, जिसके लाखो कर्मचारी है, जिन्हे भारत सरकार बेरोजगार नहीं होने देगी और न ही आम लोगो का पैसा वह डूबने देंगे क्योंकि कर्मचारी और आम लोग दोनों ही उसे वोट देते है। फिर भी इस घोटाले की कीमत भारत के ईमानदार आदमी से टैक्स देने वाले को चुकानी होगी - इसे कहते है करे कोई भरे कोई...?
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