सरगुजा
सीतापुर
सीतापुर, से लगे जामझारिया मे 1 हाथियों का दल जो करीब 5 से 7 की संख्या में है जो करीब हफ्ते भर से आस-पास के क्षेत्रों में आतंक मचा रहे हैं कल रात गज दल ने राजेन्द्र यादव पिता रामनाथ यादव के घर मे धावा बोल दिया, और दुकान में रखे धान को निकाल कर खाये इसके बाद बगल से लगे जंगल भीतर प्रवेश कर गये। सूचना पर वन अधिकारियों द्वारा मामले की जांच कर पंचनामा बनाया गया। ग्रामीणों में आक्रोश सिर्फ इस बात है कि आज डिजिटल इंडिया होते हुए भी बगल गांव में बिजली होते हुए भी 1 पीढ़ी बीत गई लेकिन बिजली नई लग पाई। विद्युत व्यवस्था न रहने के वज़ह से आये दिन इसी तरह गांव में कभी भी दतैल घुस आते हैं जिस से ग्रामीणों में को जानमाल के नुकसान का भय बना रहता है वैसे तो इस इलाके में हमेशा हाथियों का खतरा बना रहता है परंतु 2 वर्ष पूर्व ही जामझरिया और बनेया में कुल 2 लोगों को दतैलो के द्वारा पैरों से रौंद दिया गया था जिससे उनघटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई बिजली नहीं होने के कारण गांव वालों को इस तरह की घटनाओं का सामना आए दिन करना पड़ता है।
वन विभाग के द्वारा पिछले कुछ सालों में जामझरिया के इलाके में जंगलों के किनारे-किनारे बैटरी चलित तार लगाकर करंट की व्यवस्था की गई थी परंतु आज की स्थिति यह है ना तो यहां तार है और ना ही बैटरी है ना ही किसी तरह का कोई व्यवस्था है जिससे कि लोग इन दतैलो से बच सकें। वन विभाग की कार्यशैली एवं उदासीनता से आसपास के ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है
क्या कहते हैं अधिकारी
क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी पटेल जी से इस मामले में बात करने पर उन्होंने कहा की उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा हाथी को भगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हाथी का दल सीतापुर क्षेत्र के आसपास ही डेरा जमाए हुए हैं
क्या कहती है जनता
आसपास के क्षेत्र के जनता द्वारा इस मामले में चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वन विभाग हाथियों को भगाने को लेकर पूरी तरह से उदासीन है तथा विभाग द्वारा शासन द्वारा प्रदत्त जो मौलिक सुविधाएं वन्य प्राणियों से बचाव को लेकर दी जाती है उन सामग्रियों को भी समय पर ग्राम वासियों के पास उपलब्ध नहीं कराया जाता है जिससे हमेशा जान माल की हानी होने की आशंका बनी रहती है
सीतापुर
सीतापुर, से लगे जामझारिया मे 1 हाथियों का दल जो करीब 5 से 7 की संख्या में है जो करीब हफ्ते भर से आस-पास के क्षेत्रों में आतंक मचा रहे हैं कल रात गज दल ने राजेन्द्र यादव पिता रामनाथ यादव के घर मे धावा बोल दिया, और दुकान में रखे धान को निकाल कर खाये इसके बाद बगल से लगे जंगल भीतर प्रवेश कर गये। सूचना पर वन अधिकारियों द्वारा मामले की जांच कर पंचनामा बनाया गया। ग्रामीणों में आक्रोश सिर्फ इस बात है कि आज डिजिटल इंडिया होते हुए भी बगल गांव में बिजली होते हुए भी 1 पीढ़ी बीत गई लेकिन बिजली नई लग पाई। विद्युत व्यवस्था न रहने के वज़ह से आये दिन इसी तरह गांव में कभी भी दतैल घुस आते हैं जिस से ग्रामीणों में को जानमाल के नुकसान का भय बना रहता है वैसे तो इस इलाके में हमेशा हाथियों का खतरा बना रहता है परंतु 2 वर्ष पूर्व ही जामझरिया और बनेया में कुल 2 लोगों को दतैलो के द्वारा पैरों से रौंद दिया गया था जिससे उनघटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई बिजली नहीं होने के कारण गांव वालों को इस तरह की घटनाओं का सामना आए दिन करना पड़ता है।
वन विभाग के द्वारा पिछले कुछ सालों में जामझरिया के इलाके में जंगलों के किनारे-किनारे बैटरी चलित तार लगाकर करंट की व्यवस्था की गई थी परंतु आज की स्थिति यह है ना तो यहां तार है और ना ही बैटरी है ना ही किसी तरह का कोई व्यवस्था है जिससे कि लोग इन दतैलो से बच सकें। वन विभाग की कार्यशैली एवं उदासीनता से आसपास के ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है
क्या कहते हैं अधिकारी
क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी पटेल जी से इस मामले में बात करने पर उन्होंने कहा की उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा हाथी को भगाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हाथी का दल सीतापुर क्षेत्र के आसपास ही डेरा जमाए हुए हैं
क्या कहती है जनता
आसपास के क्षेत्र के जनता द्वारा इस मामले में चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि वन विभाग हाथियों को भगाने को लेकर पूरी तरह से उदासीन है तथा विभाग द्वारा शासन द्वारा प्रदत्त जो मौलिक सुविधाएं वन्य प्राणियों से बचाव को लेकर दी जाती है उन सामग्रियों को भी समय पर ग्राम वासियों के पास उपलब्ध नहीं कराया जाता है जिससे हमेशा जान माल की हानी होने की आशंका बनी रहती है
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