अंबिकापुर आज का युवा वर्ग और सम्मानित वर्ग या बुजुर्ग वर्ग क्या आपस में तालमेल बिठाने में सफल हो पाया है बुजुर्गों के हिसाब से युवा वर्ग पूरी तरह से स्वतंत्र एवं निश्चिंत माना जाता रहा है लेकिन इस विचार को क्या युवा वर्ग स्वीकार करता है युवा द्वारा या विचारधारा बनाई जाती है कि हमारे द्वारा किया जाने वाला कार्य पूरी तरह से सही एवं अंग्रेजी में कहें तो परफेक्ट है लेकिन युवा वर्ग एवं बुजुर्ग वर्ग के बीच की जो कड़ी है या जो विचारधारा है उसको लेकर सोचें तो क्या तो कौन सही है कौन गलत है आइए आज इसी बात पर एक चर्चा हो जाए आज का युवा वर्ग आईटी सेक्टर जो पूरी तरह से हमारे समाज को अपने दायरे में ले चुका है आज हम अपनी सूचना एवं संवेदनाएं आपस में आईटी सेक्टर के जरिए ही प्रदर्शित करते हैं या तो या कहें कि हम आईटी सेक्टर के गुलाम हो चुके हैं आज हमारे पास इतना समय नहीं है की हम किसी व्यक्ति विशेष के पास बैठकर उसके सुख-दुख जान सके या अपने सुख दुख का पुलिंदा उसे सुना सके आज हमारी जीवन शैली इतनी व्यस्त या कहें अस्त व्यस्त हो चुकी है कि हम अपने सोच को ही सही मानने को अपनी विचारधारा बना चुके हैं और इस