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Showing posts from May, 2018

आज कुछ संपादकीय से संपादक के दिल से

अंबिकापुर आज का युवा वर्ग और सम्मानित वर्ग या बुजुर्ग वर्ग क्या आपस में तालमेल बिठाने में सफल हो पाया है बुजुर्गों के हिसाब से युवा वर्ग पूरी तरह से स्वतंत्र एवं निश्चिंत माना जाता रहा है लेकिन इस विचार को क्या युवा वर्ग स्वीकार करता है युवा द्वारा या विचारधारा बनाई जाती है कि हमारे द्वारा किया जाने वाला कार्य पूरी तरह से सही एवं अंग्रेजी में कहें तो परफेक्ट है लेकिन युवा वर्ग एवं बुजुर्ग वर्ग के बीच की जो कड़ी है या जो विचारधारा है उसको लेकर सोचें तो क्या तो कौन सही है कौन गलत है आइए आज इसी बात पर एक चर्चा हो जाए आज का युवा वर्ग आईटी सेक्टर जो पूरी तरह से हमारे समाज को अपने दायरे में ले चुका है आज हम अपनी सूचना एवं संवेदनाएं आपस में आईटी सेक्टर के जरिए ही प्रदर्शित करते हैं या तो या कहें कि हम आईटी सेक्टर के गुलाम हो चुके हैं आज हमारे पास इतना समय नहीं है की हम किसी व्यक्ति विशेष के पास बैठकर उसके सुख-दुख जान सके या अपने सुख दुख का पुलिंदा उसे सुना सके आज हमारी जीवन शैली इतनी व्यस्त या कहें अस्त व्यस्त हो चुकी है कि हम अपने सोच को ही सही मानने को अपनी विचारधारा बना चुके हैं और इस

अविभाजित सरगुजा क्या एक बार फिर नक्सल प्रभावित

 सरगुजा हाल में हुए घटना को देखते हुए ऐसा लगता है इस सरगुजा जो अविभाजित आज भी है उसमें नक्सलियों की घुसपैठ पुनः जारी हो चुकी है जो घटना घटित हुई उसे देखकर नहीं लगता है आज भी हमारा सरगुजा पूरी तरह से सुरक्षित है पुलिस द्वारा अभी तक अपहृत इंजीनियर एवं ठेका कर्मचारी का पता नहीं लग पाया है इससे सरगुजा वासी भैया उम्मीद लगा सकते हैं इस सरगुजा कहां तक सुरक्षित है आप कहां तक असुरक्षित छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सरगुजा जिला को पूरी तरह से नक्सल प्रभाव से मुक्त करार दे दिया गया था लेकिन हाल मुकाम में हुई घटना पूरी तरह से इस दावा को नकारते हुए या ध्वस्त करते हुए सामने आई है जिस में नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी शासन को दवा के रूप में साबित किया है या ठेंगा दिखाया है शासन द्वारा इन बीहड़ों में विकास और उत्थान को को लेकर निर्माण कार्य तो चालू कराया गया लेकिन सुरक्षा के इंतजाम इतने कमजोर की कभी भी कोई भी घटना घट सकती है इस सुरक्षा इंतजाम की पूरी पोल खोल दी नजर आ रही या घटना जिसमें ठेकेदार के संयंत्र से लेकर ठेका कर्मी एवं इंजीनियर को खुलेआम अगवा कर लिया गया लेकिन अभी तक राज्य के चौकीदार का कोई बयान साम

शहर के B.Ed कॉलेज बेलगाम या यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए लगाम से दूर

अंबिकापुर आज राज्य शासन द्वारा काफी कवायद  एवं जद्दोजहद करते हुए छत्तीसगढ़ के शिक्षकों  को प्रशिक्षित करने की जो एक अभियान जारी की गई है इस अभियान में भी कमीशनखोरी ने अपनी पैठ जमाने से कोई कसर नहीं छोड़ी है जैसा कि एक मामला सामने आया था कि एक तथाकथित B.Ed कॉलेज द्वारा एक गर्भवती महिला को जबरन नचाया जा रहा था जिसे देख कर शहर के लोगों को B.Ed कॉलेज के प्रति एक ऐसा चलचित्र सामने आया था जिसे देख कर शहर में चल रहा है शिक्षा के व्यापार का एक घिनौना सच लेकिन क्या इस बाजार में सिर्फ यही एक सच है लेकिन शिक्षा का व्यापार कहां तक सरगुजा यूनिवर्सिटी में फैला हुआ है इसके बारे में अगर गहराई तक जाया जाए तो सच्चाई कुछ अलग ही स्वरुप बनाती नजर आती है आज जहां पूरा शहर कहें या पूरा देश शिक्षा के व्यापार से पूरी तरह से ग्रसित है आज जहां लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने के प्रति गंभीर होते चले जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक चेहरा ऐसा है जो इस गंभीरता को गंभीरता से लेते हुए अपने व्यापार को एक ब्लैक मेलिंग का धंधा बनाते हुए आगे बढ़ता नजर आ रहा है जिसमें हमारे समाज के एवं शासन के आला अधिकारी पूरी तरह से